
महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खड़कवासला में आयोजित 149वीं पासिंग आउट परेड (POP) की कवरेज के दौरान रविवार को एक अभूतपूर्व घटना देखने को मिली। ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों के अनुचित और अपमानजनक व्यवहार से नाराज़ होकर, मीडिया प्रतिनिधियों ने परेड का बहिष्कार कर दिया और वॉकआउट कर दिया। NDA के रिपोर्टिंग इतिहास में यह अपनी तरह का पहला विरोध है।
अपमानजनक व्यवहार और कवरेज में बाधा
पुणे यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (PUWJ), जिसे पुणे में श्रमिक पत्रकार संघ के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार बहिष्कार के मुख्य कारण निम्नलिखित थे:
- बैठक व्यवस्था में अचानक बदलाव: समारोह को कवर करने के लिए पत्रकारों को एक ऐसी बैठने की जगह पर भेज दिया गया था, जहाँ से रिव्यूइंग ऑफिसर, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी का भाषण रिकॉर्ड करना या उनकी फोटो खींचना संभव नहीं था। इस व्यवस्था ने राष्ट्रीय महत्व के इस कार्यक्रम की सटीक रिपोर्टिंग को बाधित किया।
- अपमानजनक टिप्पणी: PUWJ ने शिकायत में आरोप लगाया कि अधिकारियों, जिनमें मेजर प्रताप सिंह चौधरी का नाम शामिल है, ने पत्रकारों के साथ असभ्य व्यवहार किया। एक अधिकारी ने पिछली मीडिया कवरेज को भी “फ्लॉप शो” बताया और कहा, “अगर आप इस व्यवस्था से खुश नहीं हैं, तो आप वॉकआउट कर सकते हैं।”
PUWJ के अध्यक्ष बृजमोहन पाटिल ने इस व्यवहार को प्रेस की पेशेवर ज़िम्मेदारियों को कमज़ोर करने वाला बताया।
पूरे मामले की औपचारिक जांच की मांग
इस असहयोग और अपमानजनक आचरण के विरोध में, सभी मीडिया प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से कार्यक्रम स्थल छोड़ दिया और विरोध जताते हुए परेड समाप्त होने तक पार्किंग क्षेत्र में इंतजार किया।
PUWJ ने घटना की गंभीरता को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), तीनों सेनाओं के प्रमुखों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों को औपचारिक शिकायत भेजी है। यूनियन ने मांग की है कि:
- इस पूरे मामले की औपचारिक जांच की जाए।
- जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई हो।
- भविष्य में होने वाले NDA कार्यक्रमों में मीडिया को पेशेवर तरीके से सुविधा प्रदान करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए जाएं।
यह विरोध प्रेस की स्वतंत्रता और सम्मान की मांग को रेखांकित करता है, जिसने देश की एक प्रमुख सैन्य संस्था के बड़े समारोह पर ध्यान केंद्रित किया है।