₹100 करोड़ का TRP घोटाला: केरल में BARC कर्मचारी और चैनल मालिक की साठगांठ का खुलासा

हिंदी मीडिया में टीआरपी धांधली के पुराने मामलों के बाद, अब केरल से एक और बड़ा और चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के एक न्यूज़ चैनल और बार्क इंडिया (BARC India) के एक वरिष्ठ कर्मचारी प्रेमनाथ की कथित साठगांठ से ₹100 करोड़ से अधिक का टीआरपी स्कैम किया गया है।

कैसे हुआ 100 करोड़ का घोटाला?

इस पूरे घोटाले का खुलासा एक मलयालम न्यूज़ चैनल ‘Twenty-Four’ ने किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बार्क के कर्मचारी प्रेमनाथ पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत लेकर टीआरपी मीटर्स वाले घरों की संवेदनशील जानकारी (जैसे PIN कोड) लीक की।

  • धांधली का तरीका: टीआरपी मीटर वाले इलाकों में, लैंडिंग पेज (Landing Page) पर जबरदस्ती वह विशेष चैनल दिखाया जाता था। इससे चैनल की पहुंच और दर्शक संख्या कृत्रिम रूप से बढ़ जाती थी, जिससे वह विज्ञापनों के लिए ऊंचे दाम वसूल सकता था।
  • वित्तीय लेनदेन: रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चैनल मालिक ने प्रेमनाथ को रिश्वत देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी (USDT) का इस्तेमाल किया, जिसे एक ट्रस्ट वॉलेट के माध्यम से वितरित किया गया।

बार्क ने शुरू की फोरेंसिक ऑडिट

घोटाले की खबर सामने आने के बाद, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC India) ने तुरंत कार्रवाई की है।

  • बार्क इंडिया ने एक बयान जारी करते हुए मामले की तत्काल, पारदर्शी और उचित जांच सुनिश्चित करने के लिए एक प्रतिष्ठित स्वतंत्र एजेंसी को व्यापक फोरेंसिक ऑडिट करने का आदेश दिया है।
  • केरल पुलिस प्रमुख रावदा चंद्रशेखर ने भी इस मामले में डिजिटल और वित्तीय साक्ष्यों की जांच के निर्देश दिए हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह घोटाला?

यह घोटाला उस समय सामने आया है जब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) भारत के पूरे रेटिंग्स फ्रेमवर्क में बड़े बदलाव की योजना बना रहा है। इस घटना ने एक बार फिर टीआरपी सिस्टम की अखंडता पर सवाल खड़ा कर दिया है और इस बात पर जोर दिया है कि रेटिंग्स में लैंडिंग पेज इंप्रेशन जैसी खामियों को दूर करना क्यों आवश्यक है।

मीडिया जगत में इस बड़े फ्रॉड ने विश्वसनीयता के संकट को गहरा कर दिया है और इंडस्ट्री में तेज सुधारों की मांग को गति दी है।

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