
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर वायदों , घोषणाओं और गारंटियों की भरमार सी लग गई हैं। इसलिए रणभूमि में चुनावी संग्राम है। चुनाव में ज़ुबानी जंग आम बात है। तो अब दिल्ली वालों के लिए लौटरी निकल गई है। बीजेपी , कांग्रेस और आप जनता को लुभाने के लिए गारंटियों की झड़ी लगा दी है। महिलाओं से लेकर और युवाओं से लेकर पंडित पुरोहित तक के लिए लोकलुभाव योजनाओं और घोषणाओं की भरमार सी लगा दी हैं।
वहीं सबसे पहले आम आदमी ने दिल्ली के लिए मुख्यमंत्री “महिला सम्मान योजना “के तहत महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये देने का ऐलान किया। इसके बाद कांग्रेस “प्यारी दीदी योजना ” के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने का ऐलान किया। वहीं , अब बीजेपी ने भी “महिला स्मृति योजना ” के तहत हर महीने महिलाओं को 2,500 रुपये देने का ऐलान किया। बीजेपी दिल्ली चुनाव को प्रभावकारी बनाने के लिए और सत्ता तक पहुँचने की जुगत में तत्काल प्रभाव से “आयुष्मान योजना ” लागू करने की घोषणा की। आप ने भी बीजेपी के जवाब में “संजीवनी योजना ” लागू करने की घोषणा की। जबकि , अब कांग्रेस अपनी खोई हुई ज़मीन पाने के लिए बेरोजगार युवाओं को टारगेट करते हुए बड़ा ऐलान कर दिया। दिल्ली में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो हर बेरोजगार युवाओं को 8,500 हर महीने दिये जाएंगे।
आप संयोजक केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी झूठ का पुलिंदा है। और कहा कि राहुल गाँधी के लिए कांग्रेस बचाने की लड़ाई और हमारी देश बचाने की लड़ाई है। यह तब केजरीवाल ने कहा जब राहुल गाँधी ने हाल ही कहा कि आप और बीजेपी मिले हुए हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने आम आदमी को “आपदा ” बताया। बीजेपी नेता सचदेवा ने कहा कि “आपदा ” घोटालों की सरकार है।
दिल्ली चुनाव हर नजरीये से दिलचस्प होता जा रहा है। खास तौर पर इस चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका अहम होने वाली हैं। मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ , उड़ीशा , महाराष्ट्र , हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव में महिला मतदाता सरकारें बनाने में अहम भूमिका अदा कीं।
इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी और खास तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ( JMM ) महिला मतदाताओं के ज़रिये सत्तासीन होने में कामियाब रही। अब दिल्ली में महिला मतदाताओं को लुभाने की बारी है। दिल्ली में महिला मतदाता सत्ता बनाने और बिगाड़़ने की काबिलियत रखते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक , 2020 दिल्ली चुनाव में पुरूषों के मुकाबले महिला मतदाताओं के मत प्रतिशत कहीं ज्यादा रहे
लेकिन , जब आम आदमी साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में फ्री बस सेवा की शुरूआत की तो इसका फायदा “आपको ” 2020 विधानसभा में हुआ। नतीजा यह हुआ कि 2020 में “आपकी सरकार ” प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में आई। इस बात को “आप ” ध्यान में रखते हुए इस बार के बजट में महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की घोषणा की पर महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिला। यह तो केवल जुबला निकला। “आप ” एकबार फिर महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए हर महीने 2,100 रुपये देने की घोषणा की और पार्टी ने बाकायदा पंजीकरण अभियान में चलाया।
क्या इसबार “आप ” पर महिला विश्वास करेंगी ? या विश्वासघात का इंतकाम लेंगी ? हाल ही में केजरीवाल ने छात्रों और किरायेदारों को राहत देने के लिए पानी और बिजली फ्री करने का ऐलान किया , वैसे ही छात्रों और किरायेदारों के चेहरों पर खुशियों की रौनक दिखीं। और साथ ही छात्रों को बस में फ्री सुविधाएँ देने की घोषणा कीं। अगर दिल्ली में फिर “आपकी सरकार ” बनती है तो केजरीवाल अपने वायदों पर कायम रहेंगे ?
ज़ाहिर है कि केजरीवाल चुनाव को प्रभावकारी और जनसरोकारी बनाने के लिए ना केवल जी -जान लगा दी हैं बल्कि घोषणाओं की भरमार भी लगा दी हैं। बीजेपी और कांग्रेस इसी के ईद – गिर्द घोषणाएँ कर रही हैं, लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी और कांग्रेस “आपकी ” योजनाओं और घोषणाओं के सामने खड़ी कैसी हो पाएगी ?
और यह सच है कि दिल्ली में “आपकी “की योजनाओं का अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए दिल्ली की जनता के लिए केजरीवाल हीरो बन गए हैं। याद रहे कि जनता अगर जीरो से हीरो बनाने की सालाहियत रखती हैं तो जीरो बनाने की भी। केजरीवाल को ज़मीन की अहमियत याद रहे।