
रूस के प्रमुख आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक, कज़ान, हाल ही में 9/11 जैसे हमले का शिकार हुआ। इस हमले में 8 लड़ाकू ड्रोन का इस्तेमाल कर 6 बहुमंजिला इमारतों को निशाना बनाया गया। हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कजान रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 800 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इस हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया जा रहा है, लेकिन यूक्रेन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। इस हमले को 9/11 हमले की तरह अंजाम दिया गया है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में अलकायदा आतंकियों ने 4 यात्री विमानों को हाईजैक कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और दूसरी इमारतों से टक्कर मारी, जिसमें 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 6000 लोग घायल हुए थे।
कजान रूस का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। यह शहर आर्थिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यात्री हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर इंजीनियरिंग, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग यहां विकसित होते हैं। यह शहर 2018 में फीफा विश्व कप और अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर चुका है।
रूस में हुई इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई राइज इमारतों को खाली करा दिया है। हमले के बाद कजान एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया था, लेकिन कुछ देर बाद पुनः सेवा शुरू कर दी गई।
18 दिसंबर, 2024 को यूक्रेन ने गुप्त तरीके से रूस के परमाणु और रासायनिक टीम के मुख्य कमांडर इगोर किरिलोव को मार दिया था। यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि रूस के इस कमांडर के आदेश पर ही यूक्रेन में 5000 बार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। तीन दिन पहले ही यूक्रेन ने कुर्स्क में मिसाइल दागी, जिसमें 1 बच्चे समेत 6 रूसी नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और 13 लोग घायल हुए थे। बीते कुछ दिनों से यूक्रेन रूस के प्रति ज्यादा आक्रामक रवैया अपनाता नजर आ रहा है। अब तक जहां यूक्रेन रक्षात्मक भूमिका में था, वहीं अब लंबी दूरी की मिसाइलों और रूस के प्रमुख कमांडरों को टारगेट करने के पीछे क्या रणनीति है?
जेलेंस्की की रणनीति?

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यह जानते हैं कि अगले महीने ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अमेरिका रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन को आर्थिक मदद देना बंद कर देगा। लेकिन बात सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है। दरअसल, ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में अमेरिकी जनता से यह वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो दुनिया भर में चल रहे अलग-अलग युद्धों को खत्म करेंगे और अमेरिका को वहां से बाहर निकालेंगे।
चुनाव परिणाम घोषित होने के कुछ दिनों बाद ही अमेरिकी न्यूज़ मीडिया ने ट्रंप के उस प्लान को प्रकाशित किया, जिसमें बताया गया था कि यूक्रेन-रूस के बीच सिज़फायर घोषित होगा। मौजूदा समय में जिन पक्षों का नियंत्रण जहां है, वहीं रहेगा। रूस-यूक्रेन सीमा के बीच एक बफर जोन बनाया जाएगा, जहां यूरोपीय और ब्रिटेन के शांति सैनिकों की तैनाती होगी। और सबसे खास बात, अगले 20 सालों तक यूक्रेन नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन नहीं करेगा।
पिछले दो सालों से चल रहे इस युद्ध में रूस ने यूक्रेन के दो क्षेत्र, डोनेट्स्क और लुहान्स्क पर कब्जा कर लिया है, जबकि यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क के कुछ क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
अगर मौजूदा परिदृश्य के अनुसार सिज़फायर होता है, तो यूक्रेन को नुकसान होगा और रूस की जीत मानी जाएगी। इससे यूक्रेनवासियों का विश्वास जेलेंस्की से खत्म हो सकता है और उनके सत्ता से बाहर होने की संभावना बढ़ जाएगी। बाइडन अपने कार्यकाल खत्म होने से पहले रूस को भारी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। बाइडन प्रशासन ने हाल ही में नाटो देशों को यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने की छूट दी थी और खुद अमेरिका द्वारा भारी हथियारों की आपूर्ति की जा रही है, जिससे यूक्रेन रूस के किसी भी हिस्से को कुछ ही सेकंड में नष्ट कर सके।
दूसरा पहलू यह भी है कि बाइडन यह नहीं चाहते कि ट्रंप सत्ता में आने के बाद युद्ध खत्म कर खुद सारा श्रेय ले लें, जिससे अमेरिकी जनता का विश्वास रिपब्लिकन और ट्रंप पर बढ़े।
रूस न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करेगा?
रूस इस युद्ध के दौरान कई बार न्यूक्लियर अटैक की धमकी दे चुका है। वहीं, वह अपनी न्यूक्लियर पॉलिसी भी बदल चुका है, जिससे वह दूसरे देशों पर आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकता है। रूस ने हाल ही में सबसे घातक और हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था। यह बैलिस्टिक मिसाइल आवाज की गति से 10 गुना ज्यादा तेज चलती है। इसकी मारक क्षमता 5000 से 6000 किलोमीटर तक है। पुतिन ने हाल ही में एक सालाना सम्मेलन के दौरान कहा कि यह दुनिया की सबसे तेज हाइपरसोनिक मिसाइल है। अगर पश्चिमी देशों, अमेरिका, यूके या किसी और देश को कोई शक है, तो एक बार आजमा कर देखें। उन्होंने बाकायदा इसके परीक्षण के लिए यूक्रेन की किसी जगह को चिन्हित करने को कहा था। रूस एक डेमो टारगेट को निशाना बनाएगा, वहीं पश्चिमी देश अपने एंटी-डिफेंस मिसाइल सिस्टम या किसी अन्य हथियार से इसे रोक कर दिखाएं।
अब माना जा रहा है कि रूस इस हमले के बाद यूक्रेन के बड़े शहरों को टारगेट कर हाइपरसोनिक मिसाइलें दाग सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो युद्ध और लंबा खिंचने की संभावना बन सकती है।