लेबनान में पेजर बलास्ट होने से हिजबुल्लाह संगठन में दहशत का माहौल ?

बीते 17 सितंबर 2024 को, लेबनान के कई शहरों में हिजबुल्लाह की पृष्ठभूमि में पेजर ब्लास्ट की घटनाएं सामने आईं। चाहे सड़क हो या बाजार, बाइक पर जाते व्यक्ति के पास अचानक पेजर फटने से दहशत का माहौल बना रहा। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक जारी रहा। इस घटना के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे वॉकी-टॉकी और सोलर पैनल अचानक से फटने लगे।

रायटर्स के मुताबिक, इन ब्लास्ट में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ऐसी घटनाएं लेबनान की राजधानी बेरूत समेत सीरिया में भी देखी गईं। हिजबुल्लाह ने इस घटना के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए बदला लेने की बात कही है।

कुछ दिनों पहले, 31 जुलाई 2024 को, इजराइल ने हमास चीफ इस्माईल हानिया को रॉकेट हमले में उनके बॉडीगार्ड समेत मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने इस घटना का बदला लेने की चेतावनी दी थी और इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी थीं। यह इजराइल का अपने दुश्मनों पर दूसरा सबसे बड़ा हमला है, लेकिन खास बात यह है कि इस तरह का तकनीकी हमला इतने बड़े पैमाने पर पहले कभी नहीं हुआ था।

पेजर क्या है और इसका इस्तेमाल कब से शुरू हुआ ?

पेजर एक प्रकार का कम्युनिकेशन डिवाइस है, जिसे 1949 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में पेश किया गया था। यह एक पुरानी तकनीक है और वायरलेस होती है, जिसमें न तो जीपीएस होता है और न ही आईपी एड्रेस। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी वेव के जरिए संचालित होती है और पेजर में वॉइस मैसेज या अल्फान्यूमैरिक कोड के माध्यम से संचार किया जा सकता है।

बताया जा रहा है कि हिजबुल्लाह संगठन अल्फान्यूमैरिक कोड वाले पेजर का इस्तेमाल कर रहा था। सभी पेजर में एक यूनिक कोड होता है, जिसके जरिए मैसेज उस विशेष व्यक्ति तक पहुंचाया जाता है। खास बात यह भी है कि इन पेजर के कोड जरूरत पड़ने पर बदले जा सकते हैं, जिससे इन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।

6 मार्च 1996 को गाजा पट्टी में हमास का एक सीनियर मेंबर याह्या अय्याश अपने दोस्त ओसामा हमद के घर रात बिताने गया था। उसी दौरान अय्याश के पिता के नाम से एक फोन आता है और जैसे ही उसने फोन उठाया, जोर का धमाका हुआ जिससे उसके चिथड़े उड़ गए। इस घटना के बाद से दुनिया भर के इजराइल के दुश्मन जैसे हिजबुल्ला, हमास, हूती आदि संगठनों ने सैटेलाइट फोन या रेडियो फ्रीक्वेंसी से चलने वाले पेजर का इस्तेमाल शुरू कर दिया। 1980 के दशक में पेजर का उपयोग दुनियाभर में बढ़ गया था।

पेजर फटने के क्या कारण हैं ?

विशेषज्ञों के मुताबिक, पेजर की सप्लाई या मैन्युफैक्चरिंग के दौरान इनमें विस्फोटक लगाए गए थे और यह तभी डिटोनेट होते थे जब इन्हें एक खास मैसेज प्राप्त होता था। घटना से पहले पेजर कुछ समय तक बीप करता रहा और जैसे ही लोगों ने इसे अपने पॉकेट से निकाला या देखने के लिए चेहरे के करीब लाया, यह फट गया। लेबनान में हिजबुल्लाह कमांडो के अलावा आम लोग भी पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे।

यह संभावना भी जताई जा रही है कि इजराइल ने अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव का इस्तेमाल कर कोडेड मैसेज भेजा, जिसके कारण पेजर ब्लास्ट हो गए।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने इसी साल की शुरुआत में 5000 से ज्यादा पेजर खरीदे थे। पेजर कुछ चुनिंदा कंपनियों द्वारा ही बनाए जाते हैं, जिनमें ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी और यूरोप की डास नोर्टा ग्लोबल कंपनी शामिल हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह सप्लाई ताइवान की कंपनियों द्वारा की गई थी, जिसके बाद ताइवान ने आधिकारिक रूप से इसे खारिज करते हुए कहा कि भले ही इन पर हमारे ब्रांड का टैग हो, लेकिन इनकी सप्लाई यूरोपीय कंपनियों ने की थी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ताइवान, अमेरिका का मित्र देश है और इसका फायदा उठाते हुए इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने मैन्युफैक्चरिंग के समय ही इनमें विस्फोटक लगा दिए थे। यह भी माना जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटक लगाने के लिए इजराइल को करीब 2 साल का समय लगा होगा।

ब्लास्ट के दौरान क्या हुआ ?

लेबनान में मौजूद ईरानी राजदूत मोजतबा अमानी के पास भी पेजर ब्लास्ट हुआ, जिससे उनकी एक आंख खराब हो गई और दूसरी आंख में चोटें आईं। हिजबुल्लाह सांसद अली अमर के बेटे के जनाजे में भी वॉकी-टॉकी फटने से दो लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। खास बात यह है कि अमानी के बेटे की मौत एक दिन पहले पेजर ब्लास्ट में ही हुई थी और इस तरह की घटनाओं के बाद से हिजबुल्लाह संगठन में भय का माहौल है।

क्या इजराइल के द्वारा मानसिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है ?

हाल ही में, इजराइल ने हमास के चीफ इस्माईल हानिया को ईरान में उनके आवास पर एयर स्ट्राइक कर मार गिराया था। हानिया ईरान में राष्ट्रपति अबोलहसन बनीसद्र के शपथ समारोह में गए थे।

अब लेबनान में पेजर अटैक कर, इजराइल ने साफ संकेत दे दिया है कि वह किसी भी तरीके से हमला कर सकता है। इजराइल चाहता तो एक एयर स्ट्राइक से 100 से ज्यादा हिजबुल्लाह आतंकियों को खत्म कर सकता था, लेकिन उसने तकनीक का सहारा लेकर मानसिक दबाव बनाने और डर पैदा करने की कोशिश की है। यह देखकर ईरान भी इजराइल पर हमला करने से पहले जरूर सोचने को मजबूर होगा।

इजराइल ने पेजर और वॉकी-टॉकी में तकनीकी ब्लास्ट कर हिजबुल्लाह की संचार व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। अब उन्हें इसके विकल्प में अन्य उपकरण ढूंढने में समय लग सकता है, क्योंकि इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को लेकर उनके अंदर भय बैठ चुका है।

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