2.77 लाख करोड़ रुपये रहा राजकोषीय घाटा, पूरे साल के टार्गेट का 17.2%

पहले चार महीने में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17.2 प्रतिशत रहा है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा जुलाई के अंत तक 2,76,945 करोड़ रुपये रहा है।  केंद्रीय बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू पर लाने का लक्ष्य रखा है।

पिछले साल GDP 5.6% था 

 कुल मिलाकर, सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे को 16,13,312 करोड़ रुपये तक सीमित रखना है। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए केंद्र सरकार के आय-व्यय के आंकड़ों का खुलासा करते हुए सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध कर राजस्व 7.15 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 27.7 प्रतिशत था। 

बजट अनुमान का 27 प्रतिशत रहा कुल खर्च

 केंद्र सरकार का कुल व्यय 13 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 27 प्रतिशत रहा। एक साल पहले समान अवधि में यह खर्च बजट अनुमान का 30.7 प्रतिशत था। कुल व्यय में से 10,39,091 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 2,61,260 करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे। कुल राजस्व व्यय में से 3,27,887 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए तथा 1,25,639 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी के लिए थे। 

राजकोषीय घाटा

जो एक साल पहले इसी अवधि में 6.1 लाख करोड़ रुपये था। इसका कारण चुनावी महीनों के दौरान पूंजीगत व्यय में कमी और भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त पर्याप्त लाभांश था। उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्तियों का परिदृश्य काफी अनुकूल प्रतीत होता है, जबकि पूंजीगत व्यय और विनिवेश लक्ष्य हासिल होने की संभावना कम है।

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