‘स्त्री 2’ की कहानी उतनी ही है जितनी आप इसके ट्रेलर में देख चुके हैं,

फिल्म ‘स्त्री 2’ में भी इसके ने तमाम मनोरंजक मसालों के बीच एक कहानी छोटी सी ऐसी बुन दी है जिसे समझने वाले जरूर समझ सकेंगे। बाहर बड़ी बड़ी बातें करने वाले समाजसेवियों के घर में महिलाओं की हालत क्या है? क्या अब भी महिलाओं की आधुनिकता को छोटे कस्बों में स्वीकारा जाता है? क्या उनका चूल्हा, चौके और पति के साथ उसकी मर्जी होने पर हमबिस्तर होना ही पत्नी ‘धर्म’ है? और, क्या चाहता है पितृसत्तात्मक समाज, जब कोई स्त्री अपनी मर्जी के हिसाब से अपनी दुनिया बनाना चाहे? फिल्म इन सारे सवालों को बिना कहे, प्रकट किए, एक ऐसी मनोरंजन कहानी के साथ पेश कर देती है.

हॉल हाउसफुल दिखा

तमाम लोग खड़े भी दिखे। बच्चे भी आए थे, अपने अभिभावकों के साथ फिल्म देखने और हॉरर फिल्म का पूरा मजा भी लूटते दिखे। डर का अपना जो अलग आकर्षण होता है, वह सबसे पहले किशोरवय बच्चों को ही अपनी तरफ खींचता है। टीनएजर्स के बीच दुनिया भर में अब भी हॉरर सबसे लोकप्रिय सिनेश्रेणी है और इस साल हिंदी की अधपकी दो फिल्मों ‘शैतान’ और ‘मुंजा’ से निराश हुए हॉरर के पक्के मुरीदों के लिए फिल्म ‘स्त्री 2’ किसी पार्टी से कम नहीं है। ‘मुंजा’ से अमर कौशिक और दिनेश विजन ने किरदार परदे पर पेश किया और वह किरदार दरअसल ‘स्त्री 2’ के लिए दर्शकों को तैयार करने की पाठशाला थी।

चंदेरी के चमकते दिन और अंधेरी राते

छह साल पहले एक अनाम युवती ने ‘स्त्री’ की चोटी काटकर अपनी चोटी में मिला ली थी, असीमित शक्तियां पाने के लिए। विक्की उसे अब भी चाहता है। उसके सपने भी देखता है और इस चक्कर में इतना पिट चुका है, कि असल में उसके सामने आने पर भी उसे यकीन नहीं होता। उधर, स्त्री गई तो सिरकटा आ गया। दहशत का दूसरा नाम है ये दैत्याकार प्रेत। इससे निपटने में चंदेरी के लोगों की मदद करने ये युवती फिर लौटती है. वरुण धवन वाली ‘भेड़िया’ भी इस यूनिवर्स से आ मिली है। लेकिन, फिल्म का असल आकर्षण और सबसे बड़ा सरप्राइज है अक्षय कुमार का किरदार। ये किरदार क्या है, ये आप फिल्म देखकर ही समझें तो ठीक रहेगा.

श्रद्धा कपूर का सबसे लंबा सिक्सर

पिछली फिल्म की तरह यहां भी एक ही कलाकार हैं और वह हैं श्रद्धा कपूर। हिंदी सिनेमा की सियासत के निशाने पर रहीं श्रद्धा कपूर ने अपने बूते बड़े परदे पर अपना जो मुकाम बनाया है, उसकी पूरी कहानी फिर कभी। यहां इतना समझना बहुत जरूरी है कि फिल्म ‘स्त्री’ से जो सिलसिला श्रद्धा कपूर ने हिंदी सिनेमा में शुरू किया है, वह अभी रुकने वाला नहीं है। 

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