जिंदगी की उम्मीद भरी तस्वीर! केरल के जंगलों से आई चमत्कार की कहानी

एक आदिवासी परिवार को बचाने के लिए जंगल के अंदर एक खतरनाक रास्ते को पार करते हुए इस रेस्क्यू अभियान को अंजाम दिया. बचाए गए बच्चों में आदिवासी समुदाय के एक से चार साल की उम्र के चार बच्चे शामिल है.

केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन में अभी तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं. इस भयानक आपदा के बीच एक सुखद खबर भी सामने आई है जहां भूस्खलन प्रभावित वायनाड में केरल के वन अधिकारियों द्वारा 8 घंटे के अथक अभियान के बाद एक दूरदराज के आदिवासी बस्ती से 6 बच्चों को रेस्क्यू किया गया.

वायनाड के पनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह परिवार एक पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा हुआ था, जिसके ऊपर एक गहरी खाई है और टीम को वहां पहुंचने में साढ़े चार घंटे से अधिक का समय लगा. पीटीआई से बात करते हुए, हशीस ने कहा कि उन्होंने गुरुवार को मां और चार साल के बच्चे को वन क्षेत्र के पास भटकते हुए देखा और पूछताछ करने पर पता चला कि उसके तीन अन्य बच्चे और उनके पिता बिना भोजन के एक गुफा में फंसे हुए हैं.

जहां बच्चों को खाना खिलाया गया और कपड़े और जूते दिए गए. उन्होंने बताया कि फिलहाल उन्हें वहां रखा गया है औरबच्चे अब सुरक्षित हैं. केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने वन अधिकारियों के चुनौतीपूर्ण प्रयास की सराहना करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया.

अनिल कुमार और आरआरटी ​​(रैपिड रिस्पांस टीम) के सदस्य अनूप थॉमस ने परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा की. जैसे ही बारिश तेज हुई, ​​(रैपिड रिस्पांस टीम) के सदस्य अनूप थॉमस ने परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा की. जैसे ही बारिश तेज हुई, सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था. अधिकारी ने बताया कि यह परिवार कुछ समय से जंगल के अंदर रह रहा था.

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