‘एनिमल’ विवाद पर पहली बार बोले रणबीर; कहा- जिन्हें पसंद नहीं आई, उनसे माफी मांग ली

रणबीर कपूर ने पहली बार अपनी फिल्म एनिमल पर हुई कॉन्ट्रोवर्सी पर बात की है। रणबीर ने कहा कि कई लोगों को मेरी यह फिल्म पसंद नहीं आई। लोगों ने मुझसे कहा भी कि आपको ऐसी फिल्म में देखकर निराशा हुई। हालांकि अब लाइफ के उस स्टेज पर हूं जहां मैं लोगों से बहस नहीं कर सकता। मैंने उनसे कह दिया कि अगर आपको फिल्म पसंद नहीं आई तो इसके लिेए माफी, आगे से मैं और बेहतर करने का प्रयास करूंगा।

रणबीर ने कहा कि उन्होंने एनिमल के लिए इसलिए हां कहा क्योंकि वे स्क्रीन पर गुड बॉय वाली इमेज से थोड़ा बाहर निकलना चाहते थे। बता दें, 2023 में रिलीज हुई फिल्म एनिमल ने वर्ल्डवाइड 900 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन किया था। हालांकि फिल्म को एक धड़े ने महिला विरोधी करार दे दिया। इसे लेकर फिल्म के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा निशाने पर भी आ गए थे।

एनिमल की कहानी सुन डर गए थे रणबीर

रणबीर ने बताया कि उन्होंने एनिमल क्यों चुनी? उन्होंने कहा- मैं अपने करियर में हमेशा ऐसी फिल्में करता आया हूं जो समाज को एक संदेश देती हैं। जब मैंने पहली बार एनिमल की कहानी सुनी तो डर गया। मैंने सोचा कि यह तो मेरे अब तक के कैरेक्टर्स के ठीक विपरीत है। अपनी इसी इमेज के साथ एक्सपेरिमेंट करने के लिए मैंने फिल्म के लिए हां बोल दिया।

‘एनिमल’ की कहानी

तकरीबन साढ़े तीन घंटे की इस फिल्म की कहानी का आरंभ होता है, बूढ़े रणबीर कपूर से जहां से कहानी फ्लैशबैक में जाती है। स्कूल में पढ़ने वाला विजय अपने अरबपति बिजनेसमैन पिता बलबीर सिंह (अनिल कपूर) को न केवल अपना आदर्श मानता है, बल्कि उसे दीवानगी की हद तक चाहता है। अपने पिता के जन्मदिन पर महज उन्हें हैपी बर्थ डे बोलने के लिए वह न केवल टीचर की मार खाता है, स्कूल से भागकर घर भी आ जाता है। मगर अपने बिजनेस में दिन-रात मसरूफ रहने वाला बलबीर बेटे को वो प्यार और समय नहीं दे पाता, जिसकी चाहत विजय करता है।

युवा होते साइको विजय (रणबीर कपूर) की एक ही धुन है कि वो किसी तरह अपने पिता का अटेंशन हासिल करे और उन्हें प्रभावित कर सके। मगर उसकी हिंसक वृत्ति और हरकतें उसे पिता से दूर करती जाती हैं। स्कूल में पढ़ने वाला विजय एक दिन कॉलेज में पढ़ने वाली अपनी दीदी के साथ रैगिंग करने वालों को सबक सिखाने के लिए मशीनगन चला देता है। तब बलबीर सिंह उसे अनुशासित करने के लिए हॉस्टल भेज देता है। विजय को अहसास होता है कि उसकी गैरमौजूदगी में उसके जीजा ने उसके पिता के बिजनेस एम्पायर कर कब्जा कर लिया है। वह अपने जीजा के साथ भी बदतमीजी करता है और उस वक्त बलबीर सिंह को अहसास होता है कि हॉस्टल से आने के बाद भी भी विजय में कोई बदलाव नहीं आया है।

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