
दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला और वो भी लीगल तरीके से…। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक इलेक्टोरल बांड के जरिए 12000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा प्राप्त हुआ जिसमें 6060 करोड़ रुपए का चंदा लगभग 45% पैसा बीजेपी को मिला। सबसे बड़ी पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिलना ही चाहिए लेकिन दान करने वाले कंपनियों पर द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी के छापे के तुरंत बाद डोनेशन मिलना और ऐसे भी कंपनियां जिनके नेट प्रॉफिट 1 करोड़ से भी कम है लेकिन उन्होंने 183 करोड रुपए से ज्यादा का चंदा दिया। कई कंपनियां ऐसी भी है जो काम सिर्फ कागजों पर सीमित है, ना उनका ऑफिस है और ना ही सही पहचान लेकिन फिर भी उन्होंने करोड़ों रुपए के दान दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 को असंवैधानिक करार देते हुए रोक लगा दिया साथ में 2019 से 15 फरवरी 2024 तक राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे का डाटा 6 मार्च तक सार्वजनिक करने का आदेश दिया। लेकिन एसबीआई के देरी के कारण 11 मार्च को बॉन्ड की सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने को कहा गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर 2030 को इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला सुरक्षित रख लिया था बेंच कि अगुवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पांच सदस्यीय पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की वैधता को चुनौती देने वाली चार याचिकाओं पर 31 अक्टूबर को बहस शुरू की थी.
अब जानते हैं कि पार्टियों को किस-किस कंपनियों से कितने दान मिले?

सबसे बड़ा सवाल है कि ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स जैसे जांच एजेंसियों के छापे के बाद ही कैसे कंपनियों ने बीजेपी को करोड़ों रुपये के दान दिए।
10 नवंबर 2022 को ED ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरबिंदो फार्मा के निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया। पांच दिन बाद 15 नवंबर को अरबिंदो फार्मा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में 5 करोड़ रुपए दान किए।
• नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने अक्टूबर 2018 में इनकम टैक्स के छापे के 6 महीने बाद अप्रैल 2019 में 30 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।
• 7 दिसंबर 2023 के रामगढ़ में रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड की 3 यूनिट पर आयकर विभाग ने छापा मारा। 11 जनवरी 2024 को कंपनी ने 1 करोड़ रुपए के 50 इलेक्टोरल बांड खरीदे। इससे पहले फर्म ने केवल अप्रैल 2021 में दान दिया था।
• हैदराबाद की शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड पर 20 दिसंबर 2023 को इनकम टैक्स का छापा पड़ा। 11 जनवरी 2024 को कंपनी ने 40 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड खरीदे।
• नवंबर 2023 में आयकर अधिकारियों ने कथित नकद लेनदेन के लिए रेड्डीज लैब्स के एक कर्मचारी के यहां छापा मारा। छापे के ठीक बाद कंपनी ने 31 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। इसके बाद इस कंपनी ने नवंबर 2023 में 21 करोड़ रुपए के और जनवरी 2024 में 10 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, जो कुल मिलाकर 84 करोड़ रुपए होते हैं।
छापेमारी के बाद चंदा देने वाली कंपनियां

अब जानते हैं जो कंपनीयाँ घाटे में थी प्रॉफिट नहीं हुआ वैसे भी कंपनियों ने बीजेपी को करोड़ों रुपए के चंदे कहां से दिऐ?
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी अपलोड होने के बाद लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 30 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने छापेमारी के ठीक बाद राजनीतिक दलों को मोटा चुनावी चंदा दिया। कई और कंपनियों ने अपने नेट प्रॉफिट की तुलना में कई गुना ज्यादा चुनावी चंदा दिया।
कोलकाता की कंपनी मदनलाल लिमिटेड ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले दो बार में 182.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे, जबकि इस दौरान उसका नेट प्रॉफिट महज 1.81 करोड़ रुपए था। 2020-21 में भी यह 2.72 करोड़ रुपए ही रहा। 2022-23 में महज 44 लाख था।
यही नहीं, सबसे ज्यादा चंदा देने वाली 30 कंपनियों में से 14 ऐसी हैं, जिन पर केंद्रीय या राज्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई है। DLF कॉमर्शियल ने 30 करोड़ का चंदा दिया। भूमि आवंटन में अनियमितताओं पर जनवरी 2019 में CBI ने कंपनी पर छापा मारा था।
फ्यूचर गेमिंग ने 6 गुना चंदा दिया सभी आंकड़े करोड़ रुपए में (नेट प्रॉफिट 2019-20 से 2022-23 के बीच)

अब जानते हैं बीजेपी को चंदा देने के बाद किस-किस कंपनियों को कितना का कॉन्ट्रैक्ट मिला?
मेघा को मिले एक के बाद एक बड़े प्रोजेक्ट
मेघा इंजीनियरिंग को एक और महत्वाकांक्षी 4509 करोड़ रुपये वाला हिमालय के पास जोजिला टनल (Zojila Tunnel) बनाने का प्रोजेक्ट हासिल हुआ। मेघा ने 18 किलोमीटर ऑल-वेदर ज़ोजिला टनल के 5 किलोमीटर लंबे टनल वर्क को जनवरी 2022 में पूरा कर लिया। आपको बता दें कि ज़ोजिला प्रोजेक्ट एशिया की सबसे लंबी बाय- डायरेक्शनल सुरंग है जिससे श्रीनगर और लद्दाख के बीच बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
बता दें कि पिछले साल (2023) में MEIL को रक्षा मंत्रालय से 5000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। अप्रैल 2023 में MEIL ने मुंबई में थाने-बोरिवली द्विन टनल प्रोजेक्ट के लिए दो सेप्रेट पैकेज जीते और दिग्गज इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी Larsen & Toubro को मात दी।
मेघा की सब्सिडियरी कंपनी Olectra Greentech की बात करें तो इसके पास 3000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध कराने का ऑर्डर है। इस कंपनी ने चीन की BYD से टेक्नोलॉजी ली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैदराबाद में रेड्डी के पास एक आलीशान घर है जो डायमंड शेप में है और इसे इसी तरह डिजाइन किया गया है। जिसके चलते इस घर को ‘डायमंड हाउस’ भी कहा जाता है।
मेघा ने एक दिन में खरीदे 100 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड
11 अप्रैल 2023 को मेघा इंजीनियरिंग ने एक दिन में 100 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। और इसके बाद एक महीने के अंदर ही कंपनी को महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार से 14,400 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। हालांकि, एसबीआई द्वारा जारी किए गए डेटा में यह पता नहीं चला है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। लेकिन यह अंदाजा लगाना डोनर और पार्टी के संबंध से अंदाजा लगाना आसान है। लेकिन अधिकतर इलेक्टोरल बॉन्ड को एक खास पार्टी को दिए जाने के संकेत जरूर मिले हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘लो-प्रोफाइल मेघा इंजीनियरिंग ने इन्फ्रा में दिग्गज Goliaths को पीछ छोड़ा और पांच साल यानी 2014 से 2019 के बीच कंपनी का रेवेन्यू लगभग दोगुना हो गया और इसके नेट प्रॉफिट में 6 गुना का उछाल आया। इसके साथ ही Larsen & Toubro के बाद यह देश की दूसरी सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी बन गई।’
चर्चा का विषय अरबिंदो फार्मा जिनके निदेशक पी सरथ चंद्र रेड्डी हैं उन्हें ईडी ने दिल्ली आबकारी घोटाले में 10 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया। पांच दिन बाद 15 नवंबर को अरबिंदो फार्मा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में 5 करोड़ रुपए दान किए। क़रीब छह महीने बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने 9 मई, 2023 को रेड्डी को मेडिकल ग्राउंड्स पर ज़मानत दे दी। और 1 जून 2023 को वो सरकारी गवाह बन गए और उन्हें अदालत से माफ़ी मिल गई। ये संयोग है या प्रयोग..!! क़रीब पांच महीने बाद 8 नवंबर, 2023 को ऑरोबिंदो फार्मा ने 25 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे और ये सभी बॉन्ड भारतीय जनता पार्टी को दिए गए।
दूसरे चर्चा का बिषय सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज ने 1368 रूपये के बॉन्ड 21 अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 के बीच खरीदे हैं। इस कंपनी ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बान्ड खरीदें। इस कंपनी का रजिस्टर्ड पता तमिलनाड के कोयम्बटूर में है, लेकिन इसका वो पता जहाँ खाते की किताबें रखी जाती हैं वो कोलकता में है। ये कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है।
नोट: काला धन (जिस कमाई पर सरकार को टैक्स नहीं जाता है) को सेल कंपनियों के जरिए अपने अर्थव्यवस्था में इन्वेस्ट करना गैरकानूनी है और ऐसे मामले मनी लांड्रिंग के तहत दर्ज होते हैं।
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत 11 और 12 मई 2023 को फ्यूचर गेमिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सैंटियागो मार्टिन और अन्य लोगों के चेन्नई में आवासीय परिसरों और कोयंबटूर में व्यावसायिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था।तलाशी के दौरान क़रीब 457 करोड़ रुपये की चल/अचल संपत्ति बरामद की गई।
ईडी ने 21 सितंबर 2023 को फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और 15 अन्य कंपनियों के ख़िलाफ़ कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत दायर की जिसका अदालत ने संज्ञान लिया।
ईडी ने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ और अन्य कंपनियों के ख़िलाफ़ कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गई उन एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिनमें आईपीसी और लॉटरी विनियमन अधिनियम, 1998 की धाराएं लगाई गईं थी।
ईडी के मुताबिक इस कंपनी ने कथित तौर पर लॉटरी की बिक्री से मिली संपूर्ण बिक्री आय को जमा न करके लॉटरी जारी करने वाले राज्य को धोखा दिया है।