
भारत में साल 2022 के दौरान सायबर फिरौती या रैनसमवेयर वारदातों में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वसूली के लिए हुए हमलों का सबसे ज्यादा शिकार आईटी सेक्टर की कंपनियां और उसके बाद फाइनेंस व मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र हुआ है।
भारत के कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम यानी CERT-IN की तरफ से गुरुवार को जारी की गई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में हुए रैनसमवेयर हमलों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी Makop और DJVU/Stop के लॉकबिट वेरिएंट की रही। इसके अलावा भी कई नए वेरिएंट की मौजूदगी दर्ज की गई।रैनसमवेयर के लीक हुए कोड्स का इस्तेमाल नए रैनसमवेयर बनाने में भी तेजी से हो रहा है।
CERT-IN के मुताबिक साल 2022 में धन वसूली के लिए ही नहीं बल्कि जियो-पॉलिटिकल कारणों से रैनसमवेयर हमलों की संख्या भी बढ़ी है। देश के सायबर हितों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली संस्था CERT-IN ने आगाह किया कि यह ट्रेंड बढ़ सकता है। ऐसे में केवल पैसा उगाही के लिए ही नहीं बल्कि सामरिक हितों के लिए भी रैनसमवेयर का इस्तेमाल सायबर युद्ध के हथियार के तौर पर किया जाए।