
बिहार में BJP और JDU का गठबंधन टूटने के बाद बुधवार दोपहर 2 बजे नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ राजद नेता तेजस्वी यादव डिप्टी CM पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि पहले शपथ ग्रहण शाम 4 बजे होने की खबर आई थी। मंगलवार शाम को नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी। इस मौके पर तेजस्वी यादव भी उनके साथ राजभवन में मौजूद थे।
सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश और तेजस्वी ने राजभवन में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया है। इसके बाद तेजस्वी बोले और भाजपा पर खूब बरसे। तेजस्वी ने कहा- भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है, इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को खत्म कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है। हमने देखा कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ।
पहली बार में 160 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दी थी
CM नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम 4 बजे राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंपा था। उस समय नीतीश ने 160 विधायकों के समर्थन की बात कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद वे राबड़ी देवी के आवास पहुंचे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुना गया। यहां जीतन राम मांझी की पार्टी HAM भी नीतीश के साथ आ गई। उसके पास 4 विधायक हैं। इसके बाद नीतीश और तेजस्वी एक बार फिर राज्यपाल से मिले।
भाजपा-जदयू का 21 महीने पुराना गठबंधन टूटा
नीतीश के इस कदम के बाद भाजपा और जदयू का 2020 में बना गठबंधन टूट गया है। इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने राजभवन में कहा था कि पार्टी के विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में NDA से गठबंधन तोड़ने की बात कही है।
फ्लोर टेस्ट के लिए पहले से ही तैयारी
गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार अब फ्लोर टेस्ट कराने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार जदयू के सभी विधायकों को अगले 72 घंटों तक पटना में रहने का निर्देश दिया गया है। JDU के पास बिहार विधानसभा में 45 विधायक हैं।
9 साल में 2 बार गठबंधन बदल चुके नीतीश
नीतीश कुमार 2013 में भाजपा और 2017 में राजद से गठबंधन तोड़ चुके हैं। दोनों ही बार उन्होंने सरकार बनाई थी और सूबे के मुख्यमंत्री बने थे।

नीतीश कुमार का सियासी सफर
